कोलकाता. शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान अग्रमुखी होकर कार्य कर रहा है. समय के साथ-साथ जरुरतों के मुताबिक नयी-नयी तकनीक अपनाकर राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में नये उल्लेखनीय कार्य कर रहा है. राजस्थान सरकार के द्वारा लिये गये इस शिक्षा संकल्प में प्रवासी राजस्थानी भी आगे आयें और अपने-अपने गृह नगरों में सरकार के साथ मिलकर शिक्षा विकास कार्य में सहयोग करें. राजस्थान के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने ये बातें शुक्रवार को राजस्थान परिषद के तत्वावधान में आयोजित एक अंतरंग गोष्ठी में बोलते हुए कही. ओसवाल भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रोजेक्टर के माध्यम से राजस्थान में चलाये जा रहे शिक्षा उन्नयन कार्यों को भी दर्शाया गया. शिक्षा मंत्री श्री देवनानी ने कहा कि शिक्षा व्यक्ति के सर्वांगीण विकास का एक प्रमुख आधार है.
इसी बात को ध्यान में रखते हुए राजस्थान में शैक्षिक उन्नयन की दृष्टि से कई महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे हैं, जिसमें हमें काफी सफलता और सराहना मिली है. हमें आशा है कि हम आपके साथ मिलकर निकट भविष्य में कुछ और भी बेहतर कर पायेंगे. श्री देवनानी ने बताया कि शिक्षा प्रोत्साहन के लिए राजस्थान सरकार ने कई पुरस्कारों की घोषणा भी की है. संगोष्ठी में नरेश पाल गंगवार (प्रमुख शासन सचिव,स्कूल शिक्षा), डॉ. जोगाराम (आयुक्त , सर्व शिक्षा अभियान, राजस्थान सरकार), तुलिका सैनी (उपायुक्त, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद) व कार्यक्रम अध्यक्ष प्रदीप चोपड़ा ने भी क्रमवार अपने -अपने विचार रखे. परिषद अध्यक्ष शार्दुल सिंह जैन ने स्वागत भाषण दिया. संचालन बंशीधर शर्मा ने तो धन्यवाद ज्ञापित महामंत्री अरुण प्रकाश मल्लावत ने किया.
राजस्थान से आये शिक्षा विभाग के अनेकों अधिकारी सुरेश चंद्र, डॉ. बालेंद्र सिंह, दिलीप परिहार, संजय कुमार शर्मा व अन्य भी इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित रहे. आयोजन को सफल बनाने में मोहनलाल पारीक, महावीर बजाज, भागीरथ चांडक व अन्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.