नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बुधवार को बिहार विधानसभा चुनाव की मतदान की तिथियों की घोषणा कर दी। आयोग ने आज दोपहर ढाई बजे एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित बिहार चुनाव के कार्यक्रम का ऐलान किया। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कार्य्रकम की घोषणा करते हुए कहा कि बिहार में पांच चरणों में चुनाव करवाए जाएंगे।
बिहार में पांच चरणों में 12 अक्टूबर से पांच नवंबर के बीच विधानसभा चुनाव होंगे और मतगणना आठ नवंबर को होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 243 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए चुनाव पांच चरणों में होगा और पहले चरण का मतदान 12 अक्टूबर, दूसरे चरण का मतदान 16 अक्टूबर को, तीसरे चरण का 28 अक्टूबर को, चौथे चरण का एक नवंबर को और अंतिम चरण का मतदान पांच नवंबर को होगा। पहले चरण में 49 सीटों पर, दूसरे चरण में 32 सीटों पर, तीसरे चरण में 50 सीटों पर, चौथे चरण में 55 सीटों पर और पांचवें चरण में 57 सीटों पर मतदान करवाए जाएंगे। चुनाव नतीजे 8 नवंबर को आएंगे। पहले चरण के चुनाव के लिए नोटिफिकेशन 16 सितंबर को जारी होगा और 23 सितंबर को पहले चरण में नामांकन का आखिरी दिन होगा।
गौर हो कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होते ही बिहार में आज से आचार संहिता लागू हो गया। गौर हो कि बिहार में इस बार के चुनाव को राजनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पहले चरण में 49 सीटों पर, दूसरे चरण में 32 सीटों पर, तीसरे चरण में 50 सीटों पर, चौथे चरण में 55 सीटों पर और पांचवें चरण में 57 सीटों पर मतदान करवाए जाएंगे। चुनाव नतीजे 8 नवंबर को आएंगे।
चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार ईवीएम में उम्मीदवारों की तस्वीर लगी होगी। वोटिंग से पांच दिन पहले मतदाताओं को फोटो लगी वोटिंग स्लिप मिलेगी। इस बार चुनाव में सुरक्षा के मद्देनजर हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। इस चुनाव में 243 सीटों के लिए 6.6 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे। 38 जिलों में से 29 जिलों में नक्सलियों के असर को देखते हुए सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाएंगे। कुल 243 सीटों में से 47 सीटों पर नक्सलियों के असर को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए जाएंगे। वोटिंग के पहले चरण से लेकर आखिरी चरण के मतदान के आधे घंटे बाद तक एक्जिट पोल की इजाजत नहीं होगी।
जैदी ने कहा कि चुनाव की अवधि के दौरान दशहरा, ईद, मुहर्रम, दिवाली, छठ जैसे कई महत्वपूर्ण त्योहार आ रहे हैं, आयोग साम्प्रदायिक सौहार्द और शांति सुनिश्चित करेगा।
चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति और ओम प्रकाश रावत के साथ जैदी ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य में शांतिपूर्ण, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किये गए हैं जहां 47 विधानसभा क्षेत्र नक्सल हिंसा से प्रभावित है। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 6.68 करोड़ मतदाता हैं।
बिहार में भाजपा नीत राजग और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू, लालू प्रसाद की राजद और कांग्रेस के महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर बतायी जा रही है और राज्य विधानसभा चुनाव के परिणाम का राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक परिदृश्य पर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है।
भाजपा के लिए यह चुनाव जीतना बेहद महत्वपूर्ण है, अगर वह नरेन्द्र मोदी सरकार के पक्ष में राजनीतिक बयार को गति देना चाहती है और दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की पराजय और भूमि विधेयक पर कदम पीछे खींचने और जीएसटी जैसे विषयों को आगे नहीं बढा पाने की पृष्टभूमि में केंद्र में सत्तारूढ पार्टी के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राज्य में जदयू 10 वर्षों से सत्ता में है और इस दौरान नीतीश कुमार के हाथों में काफी समय तक राज्य की बागडोर रही। कुमार की पार्टी का इस बार लालू प्रसाद की राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन है। नीतीश भाजपा के साथ 17 वर्षों पुराना गठजोड़ तोड़कर जून 2013 में राजग से अलग हो गए थे।
पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव में भाजपा का रामविलास पासवान की लोजपा और उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के साथ गठजोड़ था और भाजपा नीत गठबंधन ने उस चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था।
कब-कहां होंगे चुनाव
12 अक्टूबर (49 सीटें) : समस्तीपुर, बेगुसराय, खगड़िया, भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नवादा, जमुई।
16 अक्टूबर (32 सीटें) : रोहतास, जहानाबाद, कैमूर, अरवल, औरंगाबाद, गया।
28 अक्टूबर (50 सीटें) : सारण, वैशाली, नालंदा, पटना, भोजपुर, बक्सर।
1 नवंबर (55 सीटें) : पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, देवघर, शिवहर, सीतामढ़ी, मुज़फ़्फ़रपुर, सीवान, गोपालगंज।
5 नवंबर (57 सीटें) : मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा।