राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल यूनाइटेड(जदयू) और कांग्रेस महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार ने आज पांचवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली ।
कुमार को राज्य के 35 वें मुख्यमंत्री के रूप में राज्यपाल रामनाथ कोविद ने यहां एतिहासिक गांधी मैदान में पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। इसके बाद राज्यपाल ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को मंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। वहीं राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव नीतीश सरकार में उप मुख्यमंत्री होंगे।
तेज प्रताप यादव ने गोपनीयता की शपथ लेते समय (अपेक्षित) शब्द के स्थान पर (उपेक्षित) शब्द कह दिया जिसके कारण राज्यपाल कोविद ने यादव को दोबारा गोपनीयता की शपथ लेने को कहा । दूसरी बार भी कुछ शब्दों के उच्चारण में जब श्री यादव अटके तब राज्यपाल ने उसे ठीक कराते हुए शपथ दिलायी।
राजद प्रमुख के दोनों बेटों के शपथ लेने के बाद राजद के वरष्ठि नेता और 15 वीं विधानसभा में पार्टी विधायक दल के नेता अब्दुलबारी सद्दिकि ने मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इसके बाद जदयू के वरष्ठि नेता और नीतीश सरकार में मंत्री रहे श्री विजेन्द्र प्रसाद यादव, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, श्रवण कुमार और जय कुमार सिंह ने मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
राज्यपाल काविद ने इसके बाद राजद के आलोक कुमार मेहता, चंद्रिका राय, राम विचार राय, शिवचंद्र राम , डा.अब्दुल गफूर , चंद्रशेखर , मुनेश्वर चौधरी, अनिता देवी , विजय प्रकाश , जदयू के कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा, महेश्वर हजारी, शैलेश कुमार, कुमारी मंजू वर्मा, संतोष कुमार निराला, खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, मदन सहनी, कपिल देव कामत, कांग्रेस के अशोक चौधरी, अवधेश कुमार सिंह, अब्दुल जलील मस्तान और डा.मदन मोहन झा ने मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।
इस एतिहासिक मौके का देश भर के कई राजनीतिक दग्गिज गवाह बने । इन राजनीतिक दग्गिजों में पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी.देवगौड़ा, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला , राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार , जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव , राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव , मार्क्सवादी कम्युनस्टि पार्टी के महासचिव सीता राम येचुरी , भारतीय कम्युनस्टि पार्टी के डी राजा और राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष अजित सिंह तथा द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम के एम के स्टालिन शामिल थे। प्रधानमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में केन्द्रीय मंत्री वैकेया नायडू भी समारोह में उपस्थिति थे।
इस मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी , दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिवद केजरीवाल, असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई , सक्किमि के मुख्यमंत्री पी के चामिलग , मणिपुर के मुख्यमंत्री ओ ईबोबी सिंह, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह , अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नमाम टूकी , कर्नाटक के मुख्यमंत्री सद्धिरमैया और पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के अलावा पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार , लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे , महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिव सेना के प्रतिनिधि रामदास कदम और सुभाष देशाई , बीबीएम नेता डा० प्रकाश अम्बेदकर , सांसद राज बब्बर , दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी , बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी , पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और
पूर्व उप मुख्यमंत्री तथा भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी भी उपस्थित थे।
गांधी मैदान तीसरी बार बना शपथ ग्रहण समारोह का गवाह
ऐतिहासिक गांधी मैदान तीसरी बार नीतीश कुमार के मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह का गवाह बना। नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री की पांचवीं बार शपथ ली। ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुए शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल रामनाथ कोविंद उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।
पहली बार 25 नवंबर 2005 को कुमार ने गांधी मैदान के ऐतिहासिक प्रांगण में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। तत्कालीन राज्यपाल बूटा सिंह ने उन्हें शपथ दिलाई थी। उसके बाद उन्होंने 26 नवंबर 2010 को गांधी मैदान में शपथ ग्रहण किया। दोनों बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेता के रूप में नीतीश कुमार ने शपथ ली थी। यह पहला मौका था, जब गैर भाजपा व गैर एनडीए सरकार के नेता के रूप में नीतीश ने शपथ ग्रहण की।
नई परंपरा
गांधी मैदान में आम लोगों के बीच मुख्यमंत्री व मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण की परंपरा नई है। इसके पहले कांग्रेस के शासनकाल में ऐसी कोई परंपरा नहीं रही।
नीतीश का राजनीतिक प्रोफाइल
विधायक बने : 1985 में पहली बार बिहार विधानसभा के लिए निर्वाचित।
सांसद बने : नवीं लोकसभा के लिए 1989 में पहली बार चुने गए। इसके बाद 1991, 1996, 1998, 1999 व 2004 में भी लोकसभा के लिए चुने गए।
केंद्र में मंत्री बने
अप्रैल से नवंबर 1990 : कृषि व सहकारिता राज्य मंत्री
19 मार्च 1998 से 5 अगस्त 1999 तक: रेल मंत्री,
13 अक्टूबर 1999 से 22 नवंबर 1999 तक : भू-तल परिवहन मंत्री
27 मई 2000 से 20 मार्च 2001 तक: कृषि मंत्री
22 जुलाई 2001 से 21 मई 2004 तक: रेल मंत्री।
मुख्यमंत्री बने
03 से 10 मार्च 2000 पहली बार सात दिनों के लिए
24 नवंबर 2005 से 24 नवंबर 2010 तक
26 नवंबर 2010 से 19 मई 2014
22 फरवरी 2015 से अब तक
20 नवंबर 2015 को फिर लेंगे सीएम पद की शपथ
व्यक्तिगत परिचय
जन्म तिथि : 01 मार्च 1951
जन्म स्थल : बख्तियारपुर, पटना
पैतृक गांव : कल्याणबिगहा, नालंदा
शिक्षा : एनआईटी पटना से इंजीनियरिंग
पिता : स्व. कविराज रामलखन सिंह
माता: स्व. परमेश्वरी देवी
पत्नी : मंजू कुमारी सिन्हा
22 फरवरी 1973 को विवाह
पत्नी का निधन- 2007 में
पुत्र : निशांत, इंजीनियर