फरीदकोट। आचार्य प्रवर श्री दिव्यानन्द सूरीश्वर महाराज (निराले बाबा) के सान्निध्य में स्थानीय निराला भवन में समन्वय चातुर्मास 2017 के अंतर्गत कहा कि किसी मनुष्य में जनसाधारण से विश्ेाष गुणशक्ति का विकास देख उसके संबंध में जो एक स्थायी आनन्द हृदय में स्थापित को जाता है उसे श्रद्धा कहते हैं।
श्रद्धा महत्व की आनन्दपूर्ण स्वीकृति के साथ साथ बुद्धि का संचार है। यदि हमें निश्चय हो जायेगा कि मनुष्य बड़ा वीर, सज्जन, गुणी, दानी, विद्वान, परोपकारी व धर्मात्मा है तो वह हमारे आनन्द का विषय हो जायेगा।
इस अवसर पर सुभाष गर्ग, राकेश शर्मा, ओमप्रकाश जैन, ओमप्रकाश सिंगला, सोमा तायल,एमनिंदर सिंह भट्टी, सतपाल मित्तल, केवल कृष्ण वर्मा, महेश मित्तल, अमृत लाल शर्मा, स. हरीचरण सिंह भटटी, वंशम गर्ग, युवराज, वरदान, दिगेश तायल, रिमा गर्ग, षषी षर्मा, किरण लता जैन, सिप्पी जैन, आशा सिंगला, कृष्णा देवी जैन, रक्षा देवी तायल, मोनिका सोडी, संतोश सोडी, सुमन तायल, कमला शर्मा, शीला शर्मा, टीना जैन, राजेन्द्र कौर, मनजीत कौर, उष्मा मित्तल, बलबीर कौर, कृष्णा वर्मा, आशा रानी, कुलदीप कौर सुधा यादव, तनु यादव आदि अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।