ऐतिहासिक तलाईयों को मूल स्वरूप में लौटाने हजारों ने किया श्रमदानबीकानेर । ग्रामीण क्षेत्रों की ऐतिहासिक तलाईयों को मूल स्वरूप में लौटाने और बरसाती पानी की बूंद-बूंद को संरक्षित करने के उद्देश्य से शनिवार को हजारों हाथ जुट गए। सेना, पुलिस, बीएसएफ, आरएसी के जवानों के साथ जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों-कर्मचारियों और ग्रामीणों ने जमकर श्रमदान किया। महिलाओं ने मंगल गीत गाकर मेघों का आह्वान किया तो हाथों में तगारियां लेकर श्रमदान में भागीदारी निभाने में भी आगे रहीं। शनिवार को जिले में अनेक स्थानों पर ऐसे ही दृश्य देखने को मिले। अवसर था मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत सामूहिक श्रमदान का। राज्य सरकार की पहल और जिला प्रशासन के आह्वान पर सुबह सात बजे से ही ऐतिहासिक तालाबों के आसपास मेलों सा माहौल हो गया। बड़ी संख्या में लोगों ने आगे बढ़कर श्रमदान किया। मुख्य समारोह जयमलसर के लाखासागर तालाब पर हुआ। यहां आरएसी की दसवीं बटालियन एवं सेना के जवानों ने श्रमदान किया। बीकानेर जिले से रिलीव होने से पहले जिला कलक्टर वेदप्रकाश ने ही नहीं बल्कि उनके नेतृत्व में प्रशासनिक अधिकारियों ने भी श्रमदान किया। जिला कलक्टर ने एमजेएसए को ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वरदान बताया। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के अस्सी प्रतिशत कार्य प्रगतिरत हैं। इनमें से लगभग पचास प्रतिशत पूर्ण हो गए हैं। पहले चरण की भांति कार्यों की प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसे जन-जन का अभियान बनाने की जरूरत है। आरएसी दसवीं बटालियन की कमांडेंट राशि डोगरा ने कहा कि जल संरक्षण के पुनीत अभियान में पुलिस और आरएसी भी प्रभावी भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को इससे भरपूर लाभ होगा। उप वन संरक्षक डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि वन विभाग द्वारा अभियान के तहत वन्य जीव जल बिंदुओं का निर्माण करवाया जा रहा है। बरसात के दौरान विभाग द्वारा पौधारोपण करवाया जाएगा। लेफ्टिनेंट अमन ने कहा कि इस अभियान में भागीदारी निभाना पुण्यदायी है। पूर्व सरपंच रामकिशन आचार्य ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में बरसाती जल संरक्षण की परम्परा अत्यंत प्राचीन है। धीरे-धीरे यह व्यवस्था लुप्त होने लगी, जिससे हमें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ा। वर्तमान में मुख्यमंत्री श्रीमती राजे की पहल पर यह अभियान प्रारम्भ किया गया है। यह ग्रामीणों के लिए बेहद लाभदायक है। इस अवसर पर अधीक्षण अभियंता भागीरथ बिश्नोई, विकास अधिकारी कैलाश चौधरी, आएसी दसवीं बटालियन के डिप्टी कमांडेंट चंदाराम बिश्नोई, एसएचओ नाल जगदीश प्रसाद तंवर, अधिशाषी अभियंता अमर सिंह सहित बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी निभाई। लूनकरनसर के खोखराना गांव की कोलाना तलाई पर श्रमदान अभियान आयोजित हुआ। इसमें आरएसी तीसरी बटालियन के डिप्टी कमांडेंट बन्ने सिंह के नेतृत्व में 50 कांस्टेबलों ने भागीदारी निभाई। उपखण्ड अधिकारी रतनलाल स्वामी, सहायक अभियंता यशपाल पूनिया, जलग्रहण समिति अध्यक्ष भंवर लाल गोदारा सहित ग्रामीण भी बड़ी संख्या में मौजूद थे। उपखण्ड अधिकारी ने ग्रामीणों से धन, संसाधन और श्रम के रूप मे सहयोग करने का आह्वान किया। पांचू के रामनगर गांव की कुंतलाई नाडी के जीर्णोद्धार एवं क्षमता संवर्धन कार्य में भी ग्रामीणों ने भाग लिया। विकास अधिकारी लादूराम के नेतृत्व में ग्रामीण जनप्रतिनिधियों, सहायक अभियंता विशाल भार्गव और आमजन ने भाग लिया। विकास अधिकारी ने बूंद-बूंद जल की बचत करने की बात कही। उन्होंने बताया कि जल के बिना जीव के अस्तित्व की परिकल्पना नहीं की जा सकती। कोलायत के नोखड़ा गांव के ऐतिहासिक बेरों के तालाब को मूल स्वरूप में लौटाने के लिए कार्यवाहक विकास अधिकारी हरिनारायण सिंह के नेतृत्व में लगभग सौ लोगों ने श्रमदान किया। इस दौरान उन्होंने तालाब की आगोर में उगे झाड़-झंखाड़ साफ किए। सिंह ने कहा कि सामूहिक भागीदारी से ही जल संरक्षण की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के उद्देश्यों एवं आवश्यकता के बारे में बताया। नोखा पंचायत समिति की मोरखाना पंचायत के सिंधु गांव के ऐतिहासिक तालाब भींवनाई नाडी पर विकास अधिकारी ऋतुराज महला, एइएन दिनेश पंडा, डिप्टी कमांडेंट कमलेश कुमार, महेन्द्रजीत, कमल कुमार, पीइओ अमरसिंह, जेइएन शिवलाल बिश्नोई, गोपाल मोहता, सरपंच सरोज कंवर, पंचायत समिति के पूर्व सदस्य रामधन बिश्नोई, वन विभाग के रामनारायध, ग्राम सेवक राजेन्द्र पिलानिया सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। श्रीडूंगरगढ़ के सोनियासर मीठिया की केरलाई तलाई में आयोजित श्रमदान में लगभग डेढ सौ लोगों ने भागीदारी निभाई। तहसीलदार ओमप्रकाश जांगिड़, बीडीओ वीरपाल सिंह, वन विभाग के रेंजर सुरेन्द्र सिंह मीणा, एइएन महेश अजाड़ीवाल, राधेश्याम सहित सरपंच, वार्ड पंचों एवं ग्रामीणों ने भाग लिया। विकास अधिकारी ने ग्रामीणा का आह्वान करते हुए कहा कि जल को व्यर्थ नहीं गंवाएं। खाजूवाला के बंदरवाला के नवगजा पीर तलाई पर श्रमदान हुआ। तहसीलदार, गिरदावर, पटवारी, पूगल थानाधिकारी एवं जवानों सहित ग्रामीणों ने भागीदारी निभाई। विकास अधिकारी राघवेन्द्र बीका ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र के होने के नाते यहां जल संरक्षण और उसके समुचित उपयोग का अत्यंत महत्त्व है। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान इस क्षेत्र के लिए बेहद उपयोगी सिद्ध होगा।