राजकीय सम्मान के साथ शहीद ‘जगदीश’ की अंत्येष्टि, अंतिम विदाई में उमड़ा जन-सैलाब

बीकानेर । नोखा निवासी शहीद जगदीश बिश्नोई का सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ नोखा में अंतिम संस्कार किया गया।  बिश्नोई को गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी देकर अंतिम विदाई दी गई। सेना के जवानों ने शहीद के सम्मान में मातमी धुन बजाकर श्रद्धासुमन अर्पित किये। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिये शहर और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं पहुंचे।

नेताओं व अफसरों ने दी सलामी

1(2)जाबांज के अंतिम दर्शन के लिये केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, कोलायत विधायक भंवरसिंह भाटी, जिला प्रमुख सुशीला सींवर, जिला कलक्टर वेदप्रकाश, जिला पुलिस अधीक्षक डॉ.अमनदीपसिंह कपूर, प्रधान कन्हैयालाल जाट, नगरपालिका अध्यक्ष नारायण झंवर, पूर्व विधायक कन्हैयालाल झंवर, बिहारीलाल बिश्नोई, सीआरपीएफ डीआईजी जगदीश मीणा, एडीशनल एसपी भागीरथ गुर्जर, सहीराम दुसाद, मोहन सुराणा, सुरेन्द्रसिंह, महेन्द्र गहलोत व सीआरपीएफ के अधिकारियों ने शहीद को सलामी देकर श्रद्धांजलि दी।

शहीद के सम्मान में बाजार रहा बंद

जांबाज का पार्थिव शव घर पहुंचा तो मां, भाई, बहन की आंखों से आंसुओं की धार से माहौल गमगीन हो गया और पूरे कस्बे में मातम छा गया। जगदीश बिश्नोई की देश पर शहादत के सम्मान में सोमवार को नोखा का बाजार बंद रहा। शहीद के सम्मान में नोखावासियों ने होली नहीं खेली। अंतिम यात्रा के दौरान कस्बेवासियों ने अपनी छतों से पुष्पों की बारिश कर आखिरी विदाई दी। “जब तक सूरज चांद रहेगा जगदीश तेरा नाम रहेगा”, जैसे नारों के साथ हजारों की संख्या में कस्बेवासी, शहीद बिश्नोई की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। कस्बे की विभिन्न गलियों व चौराहों को रंगोली, फूल मालाओं व तिरंगे झंडों से सजाया गया।

जगह-जगह पर दी गयी शहीद को श्रद्धांजली

रविवार को शहीद जगदीश प्रसाद का शव विशेष विमान से नाल एयरपोर्ट पहुंचा। नाल एयरपोर्ट पर संभागीय आयुक्त सुवालाल, आईजी विपिन कुमार पांडे, जिला कलेक्टर वेदप्रकाश, एसपी अमनदीपसिंह कपूर, वायु सेना नाल के मुख्य प्रशासनिक अधिकरी ग्रुप कैप्टन कुलदीपसिंह, फ्लाईट लेफ्टिनेंट राकेश तिवारी सहित अनेक अधिकारी पहुंचे और पुष्पचक्र अर्पित किये। इसके बाद में गंगाशहर से लेकर नोखा के बीच में जगह-जगह लोगों ने शहीद बिश्नोई को श्रद्धांजलि दी। जगदीश बिश्नोई ने 10 जुलाई 2003 में सीआरपीएफ ज्वाईन किया था। बिश्नोई 11 मार्च को छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों से लड़ते हुए, बारूदी सुरंग फटने से बटालियन के 11 साथियों के साथ शहीद हो गये थे।