मु्ंबई । बॉलीवुड के मशहूर गीतकार और संगीतकार रवींद्र जैन का मु्ंबई के लीलावती अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार को निधन हो गया। वे 71 वर्ष के थे। मूत्र संक्रमण की वजह से उनकी किडनी में समस्या थी, जिसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था।
पुराने जमाने के गुणी संगीतकारों मे उनकी गिनती होती हैं। उन्होंने फिल्मी गीतों के साथ ही फिल्मी भजन भी बनाए थे। गीतकार रविंद्र जैन ने अपने फिल्मी सफर की शुरूआत सौदागर से की थी। फिल्म के गीत और संगीत उन्होंने ही तैयार किया था। साल 1985 में रविंद्र जैन को फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ के लिए फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था। बतौर संगीतकार फिल्म ‘अंखियों के झरोखे से’ में दिया गया उनका संगीत काफी मशहूर हुआ था। उन्होंने कई फिल्मों के गीत भी लिखे थे।
उनका जन्म 28 फरवरी, 1944 को अलीगढ़ में संस्कृत के प्रकांड पंडित और आयुर्वेद विज्ञानी इंद्रमणि जैन की संतान के रूप में हुआ। 70 के दशक में उन्होंने बतौर बॉलीवुड संगीतकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने फिल्म ‘चोर मचाए शोर’ (1974), ‘गीत गाता चल’ (1975), ‘चितचोर’ (1976), ‘अखियों के झरोखों से’ (1978) सरीखी हिंदी फिल्मों में संगीत दिया था। उनका संगीत काफी लोकप्रिय हुआ। उन्होंने कई फिल्मों और टीवी सीरियल्स में संगीत दिया था। इसमें अखियों के झरोखे, चितचोर, गीत गाता चल, विवाह के अलावा धारावाहिक रामायण, श्रीकृष्णा सहित कई टीवी सीरियल्स शामिल हैं। रवींद्र जैन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत फिल्म सौदागर से की थी। 1985 में रवींद्र को फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ के लिए बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड मिला था। वह कई लोगों के रोल मॉडल माने जाते हैं।