अहमदाबाद। नए साल पर गुजरात व भारत को दहलाने की पाक की बड़ी नापाक साजिश को भारतीय तटरक्षक दल ने खुफिया जानकारी के आधार पर नाकाम कर दिया। मुम्बई हमले के साढ़े छह साल बाद एक बार फिर अरब सागर में नववर्ष की पूर्व संध्या पर बुधवार देर रात करीब 11 बजे पोरबंदर से 365 किलोमीटर दूर भारतीय समुद्री सीमा में विस्फोटकों से भरी पाकिस्तानी नाव को खुफिया जानकारी के आधार पर गश्त कर रहे तटरक्षक के डोनियर एयरक्राफ्ट ने घेर लिया।
एक घंटे तक इस नाव का पीछा करने, इन्हें रूकने, जांच में सहयोग करने का निर्देश देने के बावजूद रूकने के बजाए पाकिस्तान की ओर तेज गति से भागने लगे। इस पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी देते ही पकड़े जाने के डर से नाव में सवार चार संदिग्ध आतंकियों ने नववर्ष की भोर में करीब साढ़े तीन बजे नाव में आग लगा दी। थोड़ी ही देर में जोरदार धमाका हुआ व देखते ही देखते नाव समुद्र में समा गई। इसमें सवार चारों संदिग्ध आतंकी भी मारे गए।
भारतीय तटरक्षकों ने गुरूवार को उस इलाके में काफी तलाशी की, जहां ये नाव समुद्र में डूबी थी लेकिन ना ही नाव और ना ही संदिग्ध आतंकी अभी तक बरामद हो पाए हैं। देश की अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी अब इस मामले की तफ्तीश में जुट गई हैं।
रात में एयरक्राफ्ट को उड़ने की विशेष मंजूरी
ये नाव पड़ोसी देश पाकिस्तान की राजधानी करांची के पास स्थित केटी बंदरगाह की फिशिंग बोट थी। इसके जरिए बुधवार को केटी बंदरगाह से भारत में किसी बड़ी आतंकी साजिश को अंजाम देने की सूचना खुफिया ब्यूरो से मिली थी। इसके आधार पर तटरक्षक दल ने समुद्र में अपनी सतर्कता बढ़ा दी व पैनी नजर, बेहतर समन्वय की बदौलत इस नाव को घेरकर एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया। कोस्टगार्ड ने रात के समय अपने गश्ती एयरक्राफ्ट डोनियर को उड़ान भरने की विशेष मंजूरी दी। वो भी ऎसे समय में जब मौसम खराब था व तेज हवाएं चल रही थीं।
बंद कर ली थी बत्ती
कोस्टगार्ड पोरबंदर के उपमहानिरीक्षक नरेश कोल के अनुसार नाव में सवार संदिग्ध आतंकियों ने अपने को घिरा देख पकड़े जाने के डर से नाव की बत्ती बंद कर ली ताकि वो दिखाई ना दें, लेकिन तटरक्षक ने अपने गश्ती पोत राजरतन को तत्काल वहां पहुंचाकर एक के बाद दूसरा डोनियर एयरक्राफ्ट वहां भेजा व इसे चारों ओर से घेर लिया। इससे ये आतंकी भाग नहीं पाए व इन्होंने खुद ही नाव में धमाका करके खुद सहित नाव को समुद्र में समाधि दिला दी।
संदिग्ध थे फिदायीन
जिस प्रकार से इन संदिग्ध आतंकियों ने खुद ही नाव में आग लगाकर उसे उड़ा दिया व खुद ही मौत को गले लगा लिया, वो दर्शाता है कि ये हमलावर फिदायीन थे।
पीबीडी, वाइब्रेंट समिट थी निशाने पर!
चार दिन बाद ही गुजरात की राजधानी गांधीनगर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन (पीबीडी) व 11 से सातवां वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक निवेशक सम्मेलन होने जा रहा है। इसमें संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून, अमरीका के विदेश मंत्री जॉन कैरी, दो देशों के राष्ट्राध्यक्ष सहित 29 देशों के मंत्री, 33 वैश्विक कंपनियों के मुखिया व प्रतिनिधि शिरकत करने वाले हैं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दौरा भी है । ऎसे में आतंकी पीबीडी व वाइब्रेंट समिट को भी निशाना बना सकते थे।
मुंबई जैसे हमले की साजिश!
इससे पहले भी वर्ष 2008 में मुंबई में होटल ताज पर हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने गुजरात की समुद्री सीमा से भारत में प्रवेश किया था। उस दौरान भी आतंकियों ने जिस नाव का उपयोग किया था, वो पोरबंदर की कुबेर थी। इस बार भी वो पोरबंदर के पास से भारतीय समुद्री सीमा में प्रवेश करके मुंबई के जैसी किसी आतंकी साजिश को अंजाम देने वाले थे।
चार माह से मिल रहे थे ऎसी घुसपैठ के इनपुट
सूत्रों का कहना है कि भारतीय तटरक्षक दल को करीब चार माह से गुजरात की समुद्री सीमा में घुसपैठ करके गुजरात व भारत में बड़ी आतंकी साजिश को अंजाम दे सकते हैं। इसके चलते तटरक्षक व गुजरात पुलिस की मरीन पुलिस काफी सतर्क थी।