नई दिल्ली । उर्जित पटेल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए गवर्नर होंगे। वह रघुराम राजन का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 4 सितंबर को खत्म हो रहा है। उर्जित पटेल फिलहाल आरबीआई के डिप्टी गवर्नर हैं। 28 अक्टूबर 1963 को जन्मे उर्जित ने लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से बीए की डिग्री हासिल की है। उसके बाद उन्होंने 1986 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एम फ़िल की डिग्री ली। चार साल बाद उर्जित ने 1990 में येल विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि ली। उर्जित साल 1998 से 2001 तक ऊर्जा मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सलाहकार रहे हैं। वो 1995 से 1997 तक उन्होंने आईएमएफ की प्रतिनियुक्ति पर आरबीआई के सलाहकार के तौर पर काम किया था।
उर्जित पटेल, (52 वर्ष) को जनवरी 2013 में तीन साल के लिए रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया। इसके बाद इस साल जनवरी में उन्हें सेवा विस्तार भी दिया गया।गौरतलब है कि राजन ने इस साल जून में अचानक रिजर्व बैंक गवर्नर के तौर पर मौजूदा तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद पद से हटने और अकादमिक दुनिया में लौटने की घोषणा कर दी थी। उनके पास मौद्रिक नीति का जिम्मा है। रघुराम राजन के आने से पहले ही वे आरबीआई में आ गए थे। राजन और उर्जित पटेल वाशिंगटन में आईएफएफ में साथ काम कर चुके थे।
उन्हें राजन का करीबी भी माना जाता है।इस पद की दौड़ में कुछ और नाम भी शामिल थे, जिनमें विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु, आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास, भारतीय स्टेट बैंक की प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य और वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम के नाम प्रमुख थे।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आरबीआई के नए गवर्नर की नियुक्ति के विषय में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक घंटे तक विचार-विमर्श किया था।उर्जित पटेल अमेरिका में आईएमएफ के लिए भी काम कर चुके हैं। उर्जित पटेल ने लंदन स्कूल ऑफ इकानामिक्स से पढ़ाई की है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, उर्जित पटेल 4 सितंबर के बाद अपना कार्यभार संभाल लेंगे।
आरबीआई के नए गवर्नर के पास सबसे बड़ी चुनौती महंगाई कंट्रोल करने की होगी। साथ ही मोदी सरकार के कई अहम रिफॉर्म्स अटक की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधे पर होगी।