बाड़मेर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने पांच साल के कार्यकाल में दूसरी बार बाड़मेर आ रही है।हालांकि बीच बीच मे आसपास आती रही। पिछले चुनाव के समय वसुंधरा राजे ने बाड़मेर जैसलमेर में बिकास के चार चांद लगाने की घोषणाएं की थी। बाड़मेर जिले में एक बार फिर आंकड़ो के जरिये मतदाताओं को उलझाने का प्रयास होगा।बाड़मेर जैसलमेर आज भी मूल बहुत सुविधाओ का अभाव है। वसुंधरा जी चाहे तो बाड़मेर जिले का नोहडिय़ाल गांव देख सकती है।।इस गांव में न पानी है न बिजली है न सड़क है।यानी मूलभूत सुविधाएं आज़ादी के बाद से आज तक नदारद। इस गांव के आगे के गांवो के और बुरे हाल है। योजनाओं के आंकड़ो में उलझ कर आप बेनिफिशरी के साथ संवाद कर अपनी सफलता लोगो को फिर बताएंगी
।ये केंद्र सरकार की योजनाए है ,जरा ध्यान राज्य सरकार की योजनाओं की स्थति भी देख ले।बाते डिजिटल की करते है मगर बाड़मेर जिले के चालीस फीसदी से अधिक गांव ढाणिय बिजली से वंचित है।।कई गांवों में आज भी अंधियारा है।।इन दर्जनों सरहदी गांव बिजली कनेक्शन नही दिए।।दीनदयाल योजना के तहत सेकड़ो घर बिजली से वंचित है।।बाड़मेर जैसलमेर जिले की मुख्य समस्या आज़ादी के सत्तर साल बाद भी पेयजल और अकाल है।।सरहद के सेकड़ो गांव ढाणियां आज भी ओएयजल समस्या से दो चार हो रहे।अपना दुखड़ा किसको सुनाए।इन परियोजना की स्वीकृति से लेकर टेंडर गत कांग्रेस सरकार में हो गए मगर बीते पांच साल में निराशा ही हाथ लगी । सरहदी ग्रामीणो की उम्मीदे आंसुओ में बह गई।।इससे आगे मोहनगढ़ से गडरा इंदिरा गांधी नहर का पानी लाने की परियोजना पे तो आपकीं सरकार कोई बात नही कर रही।।डी एन पी का हवाला देकर लोगो को गुमराह किया जा रहा जिस डी एन पी के चक्कर मे पचास गांवो का विकास अवरुद्ध पड़ा है उस डी एन पी का कोई गजट नोटिफिकेशन तक नही है।।।सरकार दादागिरी से डी इन पी क्षेत्र बना बैठी है। लोग विकास की बाते सुनते जरूर है मगर उन्होंने विकास देखा नही।।दोनो जिलो में पेयजल के स्थायी समाधान किये जायें।।
दोनो जिले हस्तशिल्प कला ने दुनिया भर में नाम कमा रही मगर इन हस्तशिल्पियों के उत्पाद बेचने के लिए हस्तशिल्प बिक्री केंद्र की स्थान के सपने दिखाए थे। वो पांच साल में सपना ही रहा। हस्तशिल्पियों के विकास के लिए भी कोई योजना या नीति प कोई काम नही ।।हज़ारो हुनरमंद हस्तशिल्पियों में निराशा के भाव है।।दोनो जिलो में हस्तशल्प उत्पाद बिक्री केंद्र स्थापित किये जायें।।बाखासर में रणक्षेत्र में नमक उत्पादन इकाईयां स्थापित करने की कवायद वसुंधरा राजे की पिछली सरकार में हुई थी।।जिस वक्त नरपत सिंह राजवी उद्योग मंत्री थे उस वक़्त जितनी कार्यवही हुई उससे आगे बात पिछले पांच सालों में नह बढ़ी।जबकि अब तक खनन पट्टे बाड़मेर जिले में विधि महाविद्यालय और नर्सिंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के लिए लम्बे समय से मांग की जा रही है। साथ ही सरहदी जिले में सरकारी कार्मिको के लिए नॉन ट्रांसफरेबल पॉलिसी लागू करे।।नोकरी तो लोग यह लग जाते है मगर बाद में ट्रांसफर कर चले जाते है। इसी के चलते साथ फीसदी स्कूल खाली पड़ी है तो इतने ही हॉस्पिटल ,पटवार भवन खाली पड़े है। शिक्षा में बाड़मेर जैसलमेर को विशेष पैकेज की आवश्यकता है। महाविद्यालयों में सभी संकाय खोले जाने के साथ साथ पूर्ण स्टाफ भी लगाया जाए।।स्टाफ के बिना स्कूल या महाविद्यालय खोलने का कोई औचितय नही।।किसानों को न तो बिजली कनेक्शन मिल रहे न ही बिजली।।किसानों को पॉलिसी के हिसाब से कृषि कनेक्शन हाथों हाथ देने के दावे किए जाते है मगर हकीकत कोसो दूर है। किसानों से ट्रांसफार्मर जारी करने के नाम पर तीस हज़ार से साठ हजार रुपये खुले आम लिए जाते है।जारी कर देने चाहिए थे।जिले में कार्यरत केयर्न इंडिया,वेदांता,राजवेस्ट पावर प्लांट सहित कम्पनियों के सी एस आर फंड का जनहित में आज तक उपयोग नही हुआ। इन कम्पनियों में कमीशन बेस पर चंद संस्थाओं को फंड दिया जाता है जिसका उपयोग जनहित में कभी नही हुआ। फंड के दुरुपयोग की जांच की मांगे कई बार की नही हुई। तेल गेस की रॉयल्टी राशि पर जिले की जनता का अधिकार है। रॉयल्टी राषि बाड़मेर के विकास पर खर्च की जाए। छोटे छोटे कामगारों ,हाथ ठेले वाले ,हो या अन्य दुकानदार इनके लिए विशेष पैकेज दिया जाए।।जिले में शिक्षा का स्तर सुधारने के कोई प्रयास नही।।आज स्कूल खुले है तो उसमे अध्यापक नही है।।
भर्ती के वक्त अन्य जिलों से उम्मीदवार आते है।नोकरी लगते है। कुछ दिनों बाद डिजायरो पे ट्रांसफर कर आने गृह जिलो में चले जाते है ।बाड़मेर वहां का वाहन राह जाता। आज भी साठ फीसदी स्कूलों में अध्यापक नही है।।शिक्षा का स्तर नही सुधरेगा तो स्कूल थोक के भाव से खोलने का कोई औचित्य नही।।नॉन ट्रांसफरेबल बांड भरवा के सरकारी नियुक्ति पटवारी,ग्रामसेवक,ए एन एम,जी एन एम,चिकित्सक ,को दी जाए। जिले में कार्यरत विभिन क्षेत्रो की निजी कंपनियों में स्थानीय बेरोजगार युवाओं को नोकरी या रोजगार में प्राथमिकता देने के वादे लम्बे समय से किये जा रहे है जबकि धरातल पर कम्पनियां मोनो पोली के तहत बाहरी राज्यो से लोगो को लाकर रोजगार दे रही है स्थानीय बेरोजगारों की उपेक्षा की जा रही है। कम्पनियों को पाबन्द किया जाए कि रोजगार किसी भी स्तर का हो स्थानीय युवाओ को प्राथमिकता से दिया जाए।स्वास्थ्य सेवाओं में बाड़मेर के राजकीय अस्पताल को ए श्रेणी के अस्पताल में प्रमोट किया जाकर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। सरहदी किसानों के लिए विशेष पॉलिसी लायी जाए।
पाक विस्थापितों को जमीन आवंटन की प्रक्रिया लंबित है उसे भाल कर जमीन आवंटन शुरू हो।।जिले के भूमिहीन किसानों को जमीन आवंटन की प्रक्रिया हो।।पांच सालों में सरकारी योजनाए कागजो में चली। जनता को उसका लाभ नही मिला।बाड़मेर जैसलमेर जिलों को विशेष पैकेज दिया जाए । ।दुरूह रेगिस्तानी इलाका होने के कारण विशेष क्षेत्र घोषित करे।।सेना भर्ती में बाड़मेर जैसलमेर जिलो के युवाओ को विशेष अवसर प्रदान किये जायें।।जेसलमेर के शहरी क्षेत्र के भूमिहीन पारंपरिक सद्भावी काश्तकारों को नहरी भूमि आवंटन हो।बारानी भूमि आवंटन की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से शुरू की जाए।।।रिफायनरी निर्माण के तहत रोजगार में बाड़मेर जैसलमेर को प्राथमिकता दी जाए। बाड़मेर जैसलमेर में सीमेंट उद्योग स्थापित करने के प्रयास प्राथमिक स्तर पर हो। दोनो जिलो के व्यापार करने के इच्छुक युवाओ को बैंकों से ऋण देने की प्रक्रिया का सरलीकरण हो। अस्पतालों में चिकित्सको के पद तत्काल भरे जाए।(PB)