चंडीगढ़। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एबीजेएएसएस) ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए पांच जून से हरियाणा में फिर से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। इसे देखते हुए हरियाणा में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राज्य के सात जिलों में धारा 144 लगाया गया है। आंदोलन को रोकने के लिए खट्टर सरकार हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करेगी।
संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाबलों की तैनाती
हरियाणा पुलिस के सूत्रों ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों को सोनीपत, रोहतक, झज्जर, जिंद और फतेहाबाद जैसे संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया जा रहा है। सोनीपत के डीएम के. मकरंद पांडुरंग ने रविवार को तनाव, संघर्ष, मानव जीवन को खतरा, संपत्ति को नुकसान और कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने से रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत जिले में निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश जारी किया।
खट्टर सरकार ने पूरा नहीं किया वादा
एबीजेएएसएस के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने बताया, ‘हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपना वादा पूरा नहीं किया है, इसलिए हम पांच जून से हरियाणा में जाट न्याय रैली का आयोजन करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हमलोग शांतिपूर्ण ढंग से रैली निकालेंगे, लेकिन पुलिस अगर जवाबी कार्रवाई करेगी या हिंसक तरीके से हमलोगों को रोकने की कोशिश करेगी, तो आंदोलनकारी अपना निर्णय करने के लिए स्वतंत्र हैं।’
BSF की चार कंपनी भी तैनात
वही बॉर्डर सिक्यॉरिटी फोर्स के चार कंपनी भी राज्य में तैनात किये गए हैं। एक कंपनी हिसार, एक कैथल, एक जींद और एक रोहतक में तैनात किये गए है। बीएसएफ की एक कंपनी में 75 के आसपास जवान होते हैं। सीआरपीएफ और बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि ये तो ऐहतियात के तौर पर तैनाती की गई हैं। हालात बिगड़ने पर और भी जवान भेजे जायेंगे।
आंदोलन हो सकता है इस बार और तेज
पिछले आंदोलन के दौरान गिरफ़्तार हुए लोगों को रिहा करने और उन पर से केस हटाने की मांग को लेकर भी आंदोलन तेज़ किया गया है। जाट समुदाय ने इस सिलसिले में हरियाणा सरकार को पांच जून तक का अल्टीमेट दिया। हरियाणा पुलिस के सूत्रों ने कल बताया था कि विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों एवं अर्धसैनिक बलों को सोनीपत, रोहतक, झज्जर, जिंद और फतेहाबाद जैसे संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया जा रहा है।
सोनीपत में रविवार से ही धारा 144 लागू
सोनीपत के जिलाधिकारी के मकरंद पांडुरंग ने रविवार को तनाव, संघर्ष, मानव जीवन को खतरा, संपत्ति को नुकसान और कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने से रोकने के लिए अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत जिले में निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश जारी किया। फिर से आंदोलन की स्थिति में हिंसा की आशंका को देखते हुए यह आदेश जारी किया गया है। यह 28 मई से 27 जुलाई तक प्रभावी रहेगा।