सूरत (योगेश मिश्रा) पांडेसरा जीआईडीसी में आठ घंटे के दौरान ही दो डाइंग मिल में लगी भीषण आग से अफरा-तफरी मच गई। रात दो बजे पहले शालु डाइंग मिल में स्लैब धराशायी होने के साथ ही आग भड़क उठी तो मलबे में 31 श्रमिक दब गए। इनमें से 17 को अस्पताल में भर्ती किया गया है। यहां बचावकार्य जारी ही था कि शनिवार सुबह दस बजे पास की ही मारूती डाइंग मिल में भीषण आग भड़क उठी। एक साथ दो-दो मिलों में लगी भीषण आग के कारण दमकलकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। दोनों ही घटनाओं में ब्रिग्रेड कॉल घोषित कर दिए गए। बचावकार्य के दौरान दो दकमलकर्मी भी झुलस गए।


दमकल विभाग के मुताबिक शुक्रवार रात करीब दो बजे पांडेसरा जीआईडीसी की शालु डाइंग मिल में चौथी मंजिल का स्लैब गिरने के बाद आग भड़क उठी। हादसे के वक्त 50 से अधिक श्रमिक मिल में काम कर रहे थे। इनमें से 31 श्रमिक मलबे के निचे दब गए और मिल में अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलने पर घटना को ब्रिग्रेड कॉल घोषित करते हुए शहर के सभी फायर स्टेशनों के जवानों को मौके पर बुला लिया गया। जवानों ने एक ओर आग पर काबू पाने का प्रयास जारी रखा तो दूसरी ओर मलबे में दबे श्रमिकों को बाहर निकालकर न्यू सिविल अस्पताल रवाना किया। यहां 17 जनों को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया।

इनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। शालु डाइंग मिल में अभी बचावकार्य जारी ही था कि शनिवार सुबह पास की मारूती डाइंग मिल में आग भड़क उठी, जिससे क्षेत्र में भय का माहौल हो गया। तेज हवा के चलते आग ने जल्द ही विकराल रूप धारण कर लिया। आग इतनी विकराल थी कि इसे भी ब्रिग्रेड कॉल घोषित करना पड़ा और एक साथ पांच दमकल स्टेशनों के जवानों मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाने के प्रयास में जुट गए। करीब आठ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। राहत की बात यह रही कि मारूती डाइंग मिल में लगी आग में वक्त रहते सभी श्रमिक सुरक्षित बाहर निकल आए थे, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई, हालांकि बचावकार्य के दौरान दो दमकलकर्मी सामान्य रूप से झुलस गए।