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नई दिल्ली। भारत और अमरीका असैन्य परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में व्यावसायिक सहयोग की दिशा में आगे बढ़ने और विशिष्ट आधुनिक रक्षा प्रणालियों का मिलकर निर्माण और विकास करने पर सहमत हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ अकेले में और प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा समझौते से दोनों देशों के संबंधों में नई दिशा और नया विश्वास आया। नई आर्थिक संभावनाएं तथा स्वच्छ ऊर्जा के लिए हमारे विकल्प बढ़े। मोदी ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि परमाणु ऊर्जा के द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर के छह साल बाद हम इसमें व्यावसायिक सहयोग पर आगे बढ़ रहे हैं जो हमारे कानून और अंतरराष्ट्रीय कानूनी दायित्वों तथा तकनीकी एवं व्यावसायिक व्यावहारिकता के अनुरूप होगा।
उन्होंने बताया कि ओबामा ने उन्हें भारत को जल्दी से जल्दी परमाणु क्षेत्र में चार अंतरराष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं में पूर्ण सदस्यता हासिल करने के लिए अमरीका की ओर से पूरे प्रयास करने का आश्वासन दिया है।
रक्षा क्षेत्र में सहयोग की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि हमने अपने बढ़ते रक्षा सहयोग को एक नए स्तर तक ले जाने का निर्णय भी लिया है। आज हम विशेष आधुनिक रक्षा प्रणालियों का मिलकर विकास और उत्पादन करने पर सिद्धांतत: सहमत हुए हैं। इससे हमारा रक्षा उद्योग को उन्नत बनाने और निर्माण क्षेत्र के विस्तार में मदद मिलेगी। दोनों देश उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी के दूसरे क्षेत्रों में सहयोग की संभावना भी तलाशेंगे।
आतंकवाद प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खतरा
उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने डिफेंस फ्रेमवर्क एग्रीमेंट का नवीकरण भी किया है और दोनों समुद्री सुरक्षा में सहयोग बढ़ाएंगे। आतंकवाद को प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खतरा बताते हुए मोदी ने कहा कि इसका स्वरूप बदल रहा है, जबकि पुरानी चुनौतियां अभी भी मौजूद हैं। दोनों पक्षों के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि इसका मुकाबला करने के लिए एक व्यापक वैश्विक रणनीति की जरूरत है। आतंकी संगठनों के बीच कोई अंतर नहीं किया जाना चाहिए।
प्रत्येक देश को अपनी यह प्रतिबद्धता पूरी करनी चाहिए कि वह अपने यहां आतंकवाद को समाप्त करे। मोदी ने कहा कि भारत और अमरीका आतंकी गुटों के खिलाफ द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग तथा आतंकवाद से लड़ने की क्षमताओं को बढ़ाएंगे। मजबूत आर्थिक संबंधों को रणनीतिक भागीदारी की सफलता के लिए अहम बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्ते सुधर रहे हैं। दोनों पक्ष जल्दी ही द्विपक्षीय निवेश संधि पर बातचीत फिर से शुरू करेंगे। दोनों देश सामाजिक सुरक्षा समझौते पर भी विचार विमर्श फिर से शुरू करेंगे जो अमरीका में कार्यरत लाखों भारतीय पेशेवरों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।