1.75 लाख मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा होगी तैयार : जावड़ेकर
1.75 लाख मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा होगी तैयार : जावड़ेकर
1.75 लाख मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा होगी तैयार : जावड़ेकर

उदयपुर ।  केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत गंभीरता से अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है बाकि देशों को भी इस मुद्दे पर ईमानदारी से अपनी भूमिका निभानी होगी।
श्री जावडे़कर रविवार को उदयपुर में सज्जनगढ़ बायोलोजिकल पार्क के लोकार्पण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। श्री जावडे़कर ने कहा कि बेमौसम बारिश एवं ओले गिरना, अरब में आए तूफान की रेत का पुणे तक पहुंचना, ये सभी जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न हुए संकट की चेतावनी देते हैं। हमें निश्चित ही पर्यावरण के प्रति गंभीर होना पड़ेगा। विकास एवं प्रकृति संरक्षण पर समानांतर बल देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्राी श्री नरेेंद्र मोदी ने गंगा के बाद अब अन्य नदियों की साफ-सफाई एवं संरक्षण का बीड़ा उठाया है। इसकी योजना बनाई जा रही है और जल्द ही अन्य नदियों के संरक्षण को भी जनआंदोलन बनाया जाएगा।
1.75 लाख मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा होगी तैयार
केन्द्रीय मंत्राी श्री जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्राी श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी योजना के तहत राजस्थान में 1 लाख मेगावाट सौर ऊर्जा , 60 हजार मेगावाट पवन ऊर्जा, 10 हजार मेगावाट जैविक ऊर्जा तथा 5 हजार मेगावाट छोटी जलऊर्जा मिलाकर कुल एक लाख 75 हजार मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा के विकास का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य सरकार की तारीफ की
केन्द्रीय मंत्राी श्री जावड़ेकर ने जंगलों को संरक्षण देने की संस्कृति के लिए विश्नोई समाज का स्मरण करते हुए कहा कि राजस्थान ने अपने गौरवमयी इतिहास के साथ जंगल व पानी बचाने के मामले में मिसाल पैदा की है। उन्होंने राजस्थान में वन, पर्यावरण और जल संरक्षण के क्षेत्रा में किए जा रहे कार्यों के लिए मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुंधरा राजे व केबिनेट मंत्राी श्री गुलाबचंद कटारिया की तारीफ की और कहा कि मुख्यमंत्राी ने जल संरक्षण पर विशेष ध्यान रखते हुए चंबल व माही नदी के लिए पूर्व से ही तैयारी की और झील संरक्षण विधेयक को पारित कर जल-संरक्षण व संवर्धन की दिशा में अनूठा कार्य किया। विविध कार्यों के माध्यम से राज्य सरकार मरूभूमि को हरितभूमि बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने पौधरोपण को जनांदोलन बनाने की भी आवश्यकता प्रतिपादित की।
विश्व का बेहतरीन पार्क
केन्द्रीय मंत्राी श्री जावड़ेकर ने विशिष्ट भौगोलिक बनावट व आकर्षकता के लिए सज्जनगढ़ बायोलोजिकल पार्क की डिज़ाईन व आर्किटेक्ट संजय गुप्ते की तारीफ की और कहा कि यह दुनिया का बेहतरिन पार्क बताया। उन्होंने गृह मंत्राी श्री गुलाबचंद कटारिया की मांग पर सज्जनगढ़ पहाड़ी से बारिश में बहकर जाते जल को रोककर पार्क की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बनाई जाने वाली योजना के साथ बर्डपार्क और अन्य योजनाओं की स्वीकृति में अविलंब सकारात्मक सहयोग देने का आश्वासन दिया।
प्रकृति से संवाद का विश्वविद्यालय बनेगा पार्क
श्री जावडे़कर ने उम्मीद जताई कि सज्जनगढ़ बायोलोजिकल पार्क को आमजन के प्रकृति एवं वन्यजीवों से संवाद व शिक्षा का विश्वविद्यालय बनेगा। उन्होंने कहा कि पार्क के माध्यम से लोगों को रोजगार मिलेगा एवं ईको ट्यूरिज्म में बढ़ोतरी होगी।
वेनिस की तर्ज पर विकसित होगी आयड़ नदी: श्री कटारिया
समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए गृहमंत्राी श्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि 26 करोड़ की लागत से निर्मित बायोलोजिकल पार्क का प्रथम चरण पूर्ण हो चुका है और द्वितीय चरण में अन्य प्रमुख जानवरों को पार्क में लाया जाएगा। उन्होंने सज्जनगढ़ पहाड़ से बहकर व्यर्थ जाने वाले बरसाती पानी के पार्क के उपयोग के लिए बनाई गई 87 लाख की योजना के बारे में बताया और कहा कि इससे निर्मित एनीकट से 10 लाख लीटर पानी का संग्रहण किया जा सकेगा। उन्होंने बायोलोजिकल पार्क से भीलू राणा बस्तीवासियों को रोजगार मिलने की उम्मीद भी जताई। कटारिया ने बताया कि गुलाबबाग को बर्डपार्क के रूप में विकसित करने के लिए 11 करोड़ की योजना के लिए नगर परिषद और यूआईटी द्वारा 1.75 – 1.75 करोड़ की राशि देने की सहमति दी गई है इससे केन्द्र सरकार की ओर से शेष राशि प्राप्त हो सकेगी। इसी प्रकार उन्होंने शहर में आहड़ सभ्यता के विकास का आधार रही आयड़ नदी के जीर्णोद्धार के लिए बनाई गई 140 करोड़ की योजना के 85 करोड़ के संशोधित प्रारूप की मंजूरी के लिए भी केन्द्रीय मंत्राी जावड़ेकर से आग्रह किया। उन्होंने बताया कि आयड़ नदी का जीर्णोद्धार वेनिस शहर की नदियों की तर्ज पर किया जाएगा और ऐसा होने पर विश्व के सुंदरतम शहर की शोभा को चार चांद लग जाएंगे।
ईको ट्यूरिज़्म का होगा विकास: श्री रिणवा
समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित करते हुए वन, पर्यावरण एवं खान मंत्राी श्री राजकुमार रिणवा ने कहा कि मेवाड़ के शौर्यपूर्ण इतिहास, सुंदर झीलों और मुंबई जैसी चकाचौंध के लिए पहचाने जाने वाले उदयपुर शहर में बायोलोजिकल पार्क के कारण ईको ट्यूरिज़्म का विकास होगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के कारण रणथंभौर में 3 लाख से अधिक पर्यटक आ चुके हैं और सरकार द्वारा इसके समीप आमला में एक अन्य क्षेत्रा भी विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।
समारोह में प्रदेश के सहकारिता मंत्राी श्री अजयसिंह किलक, उदयपुर सांसद अर्जुनलाल मीणा, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा एवं नगरनिगम महापौर चन्द्रसिंह कोठारी विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में मंचासीन थे। इससे पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) राहुल कुमार ने स्वागत उद्बोधन देते हुए बायोलोजिकल पार्क के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर अतिथियों ने पार्क की विस्तृत जानकारी देने वाले फोल्डर का विमोचन भी किया। समारोह में समाजसेवी दिनेश भट्ट, प्रमोद सामर, चुन्नीलाल गरासिया, मुख्य वन संरक्षक राहुल भटनागर, उपवन संरक्षक वन्यजीव डॉ. टी.मोहनराज, सहायक वन संरक्षक डॉ. सतीश शर्मा, सोहेल मजबूर सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में शहरवासी मौजूद थे।
लोकार्पण उपरांत किया पार्क का अवलोकन: समारोह से पूर्व केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्राी श्री प्रकाश जावड़ेकर व अन्य अतिथियों ने बायोलोजिकल पार्क के मुख्य द्वार के समीप लोकार्पण शिलापट्ट का अनावरण तथा फीता काटकर विधिवत लोकार्पण किया। इसके बाद उन्होंने पार्क का भ्रमण किया और विभिन्न इन्क्लोजर में रखे गए वन्यजीवों को देखा। उन्होंने पार्क की सुन्दरता की तारीफ भी की। मुख्य वन संरक्षक राहुल भटनागर ने अतिथियों को बैठाकर गोल्फ कार को खुद ड्राईव किया और पार्क का अवलोकन कराया।