पाक ने राहत सामग्री में भेजा बीफ मसाला, भारतीय मीडिया पर मामले को बेवजह तूल देने का लगाया आरोप
पाक ने राहत सामग्री में भेजा बीफ मसाला, भारतीय मीडिया पर मामले को बेवजह तूल देने का लगाया आरोप
पाक ने राहत सामग्री में भेजा बीफ मसाला, भारतीय मीडिया पर मामले को बेवजह तूल देने का लगाया आरोप

काठमांडू । भूकंप की त्रासदी से भीषण तरीके से जूझ रहे नेपाल को पाकिस्तान ने राहत सामग्री के तौर पर ऐसी चीज भेजी है, जिसे देख सभी हैरान हैं। इस सामग्री को कोई हाथ लगाने को भी तैयार नहीं है। पाकिस्तान से भेजी गई राहत सामग्री में बीफ मसाला (गोमांस मसाला) के पैकेट भी शामिल हैं।

इस पैकेट के हरे रंग के चलते इन खाद्य पैकेटों को कोई हाथ भी नहीं लगा रहा है। नेपाल के अधिकारियों ने इस बाबत प्रधानमंत्री सुशील कोइराला को जानकारी दे दी है। बताया जा रहा है कि इस मामले की अंदरुनी जांच शुरू कर दी गई है। नेपाल में हिंदुओं की बहुलता है और वहां पर गौ हत्या व गौमांस पर कड़ा प्रतिबंध है। वहां पर ऐसा करने पर 12 साल की सजा है, इससे पहले वहां पर यह अपराध करने पर फांसी दी जाती थी। इस घटना के चलते सार्क सदस्य दोनों देशों के रिश्तों में कटुता आ सकती है।

काठमांडू के बीर अस्पताल में राहत कार्य में लगे हुए भारतीय डॉक्टरों ने बताया कि हमें रेडी टू मील पैकेट दिए गए, जिनमें बीफ मसाला भी शामिल है। हमने पाकिस्तानी राहत सामग्री को छुआ भी नहीं। बता दें कि भारत की ओर से 34 सदस्यीय चिकित्सा दल नेपाल भेजा गया है। इसमें नई दिल्‍ली के भी कई डॉक्टर शामिल हैं। मीडिया में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, एक डॉक्टर के हवाले से कहा गया कि अधिकतर स्थानीय लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं है। जब उन्हें इस बात का पता चला, तो सभी ने इससे बचने की कोशिश की।

पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारतीय मीडिया इस मामले को बेवजह तूल दे रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने कहा, ‘कल हमसे भारतीय मीडिया ने नेपाल भेजे गए फूड पैकेट्स के साथ बीफ मसाला भेजे जाने को लेकर सवाल किए। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारतीय मीडिया ने एक मानवीय मिशन तक को नहीं बख्शा और बेवजह विवाद खडा़ कर दिया।’

उन्होंने कहा कि, ‘इस मील की किट में पूरे दिन के लिए 20 आइटम्स शामिल हैं। किट के अंदर हर पैकेट पर डिश का अंग्रेजी और उर्दू में साफ-साफ जिक्र है, जिससे लोग अपनी पसंद के मुताबिक उसे ले सकें। ये दोनों भाषाएं नेपाल में समझी जाती हैं।’